कोरोना वॉरियर का काम कर रहा आतंकियों का पता लगाने वाला सिस्टम, आइसोलेशन से भागने वाले आधे घंटे में हो रहे ट्रेस

श्रीनगर. इटली से आने वाला एक शख्स किसी दूसरी जगह से होते हुए पहले नई दिल्ली पहुंचता है फिर वह दिल्ली से जम्मू आने के लिए ट्रेन पकड़ता है। इसके बाद रेलवे स्टेशन से घर आने के लिए कैब का सहारा लेता है। वह यह सब अपनी ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने के लिए करता है ताकि वह 14 दिन के क्वारैंटाइन पीरियड से बच सके। लेकिन, वह पकड़ा जाता है। एक और केस है। दो भाई हैं। दोनों बांग्लादेश के एक ही मेडिकल कॉलेज में पढ़ते हैं। एक फ्लाइट से आता है। वह चेकिंग स्टॉफ को अपनी ट्रैवल हिस्ट्री बताता है और क्वारैंटाइन कर दिया जाता है। दूसरा भाई सड़क का रास्ता पकड़कर सीधे घर पहुंच जाता है और घर की बनी मिठाईयों का स्वाद ले रहा होता है। कोई समझदार पड़ोसी कंट्रोल रूम में कॉल करता है। टीम पहुंचती है और उस शख्स में कोरोनावायरस के लक्षणों की पहचान होती है। आखिर में उसे आइसोलेट कर ही दिया जाता है। 


श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर शाहिद चौधरी ट्वीट के जरिए विदेश यात्रा कर वापस अपने घर लौटने वाले और ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने वाले कश्मीरियों को चेतावनी दे रहे हैं। रविवार को एक के बाद एक कई ट्वीट के जरिए शहीद ये बताना चाह रहे थे कि लोग चाहे ट्रैवल हिस्ट्री छिपा लें, लेकिन प्रशासन की सतर्कता और लोगों की समझदारी से वे बच नहीं सकते। दरअसल, इन दिनों विदेशों में पढ़ाई या नौकरी कर रहे कश्मीरी कोरोनावायरस के बढ़ते प्रभाव के कारण घर लौट रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो यूं ही विदेश घूम कर आए हैं। ये लोग क्वारैंटाइन होने से बचने के लिए अपनी विदेश यात्रा की पूरी जानकारी साझा नहीं करते, क्योंकि सरकार विदेश यात्रा करने वाले हर शख्स की गहन जांच और इसके बाद थोड़े भी लक्षण मिलने वाले को क्वारैंटाइन कर रही है। ऐसे में ये कश्मीरी अपनी ट्रैवल हिस्ट्री छिपाकर चुपचाप अपने घर पहुंच रहे हैं।


शाहिद अपने लगातार ट्वीट में ऐसे कई लोगों का जिक्र करते हैं। वे एक ट्वीट में लिखते हैं, "चार शख्स मारिशस, दुबई और कजाकिस्तान की यात्रा कर लौटे हैं, लेकिन वे अपनी ट्रैवल हिस्ट्री बताना नहीं चाहते। हालांकि, हमारी आईटी टीम इसका पता लगा लेती है।" तंज के लिहाज से वे आगे लिखते हैं,"हे मेरे स्वास्थ्य संगठन के गाइडलाइन्स वाले दोस्त, क्या आप मुझे प्रवचन जैसा कुछ भेज सकते हैं ताकि मैं ऐसे लोगों को समझा पाऊं?"